अरमान सारे दिलमें दबाके चल दिये,
वो आये भी न थे की मुस्कुराके चल दिये ।
खुलने लगा था थोडा सा दिलका मुआमला,
कीसी ओरकी गझल वो गुनगुनाके चल दिये ।
गये थे ऊनके दरपे हम दीदारकी आससे,
चीलमनके पीछेसे ही वो शरमाके चल दिये ।
न नजर मिला सके न होठ हिला सके,
अंदर ही अंदरसे हम घबराके चल दिये ।
ये कैसी दीवानगी और कैसा है पागलपन,
पूछा न ऊनका हाल खुदका सूनाके चल दिये ।
एक तुम ही तो हो जो अपनेसे लगे हो,
बाकी सभी तो “राझ” को आजमाके चल दिये ।
वो आये भी न थे की मुस्कुराके चल दिये ।
खुलने लगा था थोडा सा दिलका मुआमला,
कीसी ओरकी गझल वो गुनगुनाके चल दिये ।
गये थे ऊनके दरपे हम दीदारकी आससे,
चीलमनके पीछेसे ही वो शरमाके चल दिये ।
न नजर मिला सके न होठ हिला सके,
अंदर ही अंदरसे हम घबराके चल दिये ।
ये कैसी दीवानगी और कैसा है पागलपन,
पूछा न ऊनका हाल खुदका सूनाके चल दिये ।
एक तुम ही तो हो जो अपनेसे लगे हो,
बाकी सभी तो “राझ” को आजमाके चल दिये ।
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