आयनेको पता नही क्या हो गया है ?
आपकी सूरतको देख शरमा गया है ।
दिलका हाल न पूछो आपके जानेसे,
तन्हाईके ख्यालसे घबरा गया है ।
ढल गया आफताब रातको सर ओढे,
रगोंमें यादोंका नश्तर पथरा गया है ।
रोनेका दौरे-आलम खत्म हुआ कबका,
आंखोसे अब तक न कतरा गया है ।
आज फिर जहनों-जिगरमें हलचल है "राझ",
आज फिर ईश्क हुश्नसे टकरा गया है ।
आपकी सूरतको देख शरमा गया है ।
दिलका हाल न पूछो आपके जानेसे,
तन्हाईके ख्यालसे घबरा गया है ।
ढल गया आफताब रातको सर ओढे,
रगोंमें यादोंका नश्तर पथरा गया है ।
रोनेका दौरे-आलम खत्म हुआ कबका,
आंखोसे अब तक न कतरा गया है ।
आज फिर जहनों-जिगरमें हलचल है "राझ",
आज फिर ईश्क हुश्नसे टकरा गया है ।
No comments:
Post a Comment