कौनसे रास्तेसे चले तो जिंदगी मिले,
एकबार मिले सो मिले फिर मिले न मिले ।
जानते है जरूर कडी धूप चंद रोज़की है,
फिर बारिशके मौसममें तूं मिले न मिले ।
मेरे एहसासको तूं फिरसे जिंदा कर दे,
ये सुहाने पल ये तन्हाई फिर मिले न मिले ।
सफर सख्त है मगर चलना तो है जरूर,
तुजसा हसीन हमसफर फिर मिले न मिले ।
दिलके जझबातको "राझ" लब तक लाये कैसे,
डर है कि तेरा साथ कहीं मिले न मिले ।
एकबार मिले सो मिले फिर मिले न मिले ।
जानते है जरूर कडी धूप चंद रोज़की है,
फिर बारिशके मौसममें तूं मिले न मिले ।
मेरे एहसासको तूं फिरसे जिंदा कर दे,
ये सुहाने पल ये तन्हाई फिर मिले न मिले ।
सफर सख्त है मगर चलना तो है जरूर,
तुजसा हसीन हमसफर फिर मिले न मिले ।
दिलके जझबातको "राझ" लब तक लाये कैसे,
डर है कि तेरा साथ कहीं मिले न मिले ।
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