ऊसने भी खूंको जलाया होगा,
करार फिर भी दिलको नही आया होगा ।
खत्म हो चूकी होगी जब दवाये तमाम,
सिर्फ दुवासे ही काम चलाया होगा ।
दिलके सौदेमे हरदम दर्द पाया होगा,
तेरी तरहा ही हर वादा निभाया होगा ।
मिला न होगा जब कोई भी दामन,
हर अश्कको पलकोमें छूपाया होगा ।
हर अरमानको जिगरमें दबाया होगा,
हर आरझूको तिल तिल दफनाया होगा ।
मिला होगा जब भी सिला महोब्बतका,
अपनी वफाको मुज़रिम पाया होगा ।
हर सुबह ईक आशको सजाया होगा,
हर शाम फिर ऊसीको मिटाया होगा ।
ऊसकी कहानी भी तेरे जैसी है "राझ",
ईसीलिये वो तेरे करीब आया होगा ।
करार फिर भी दिलको नही आया होगा ।
खत्म हो चूकी होगी जब दवाये तमाम,
सिर्फ दुवासे ही काम चलाया होगा ।
दिलके सौदेमे हरदम दर्द पाया होगा,
तेरी तरहा ही हर वादा निभाया होगा ।
मिला न होगा जब कोई भी दामन,
हर अश्कको पलकोमें छूपाया होगा ।
हर अरमानको जिगरमें दबाया होगा,
हर आरझूको तिल तिल दफनाया होगा ।
मिला होगा जब भी सिला महोब्बतका,
अपनी वफाको मुज़रिम पाया होगा ।
हर सुबह ईक आशको सजाया होगा,
हर शाम फिर ऊसीको मिटाया होगा ।
ऊसकी कहानी भी तेरे जैसी है "राझ",
ईसीलिये वो तेरे करीब आया होगा ।
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