मुझसे आईनेकी तरहा मिलता है कोई,
तूटके बीजलीकी तरहा बिखरता है कोई ।
शाम होते ही तेरी याद जवां होती है,
दिलके वीरानेमें मिलनेको तरसता है कोई ।
जानते है चांद हाथोमें नहीं आता,
फिर भी उसे पानेको तरसता है कोई ।
अब तो ये आलम है ओर कोई जचता नहीं,
"राझ" तुम्हे पानेको तरसता है कोई ।
तूटके बीजलीकी तरहा बिखरता है कोई ।
शाम होते ही तेरी याद जवां होती है,
दिलके वीरानेमें मिलनेको तरसता है कोई ।
जानते है चांद हाथोमें नहीं आता,
फिर भी उसे पानेको तरसता है कोई ।
अब तो ये आलम है ओर कोई जचता नहीं,
"राझ" तुम्हे पानेको तरसता है कोई ।
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